Income Tax New Rules: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में आयकर कानून में व्यापक बदलाव की घोषणा की है। यह नया कानून करदाताओं के लिए कर भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाने और मुकदमेबाजी को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 64 वर्ष पुराने आयकर अधिनियम को नए स्वरूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।
नए कानून का आधार और महत्व
वर्तमान आयकर अधिनियम, 1961 में अब तक 66 बार संशोधन किए जा चुके हैं। प्रत्येक बजट में होने वाले बदलावों ने इस कानून को जटिल बना दिया है। नया कानून 1 अप्रैल, 2026 से लागू होने की संभावना है। इस नए कानून का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों और व्यवसायियों के लिए कर प्रणाली को अधिक सुगम और समझने योग्य बनाना है।
कर वर्ष में सरलीकरण
नई व्यवस्था में कर निर्धारण वर्ष की अवधारणा को सरल बनाया गया है। अब एक ही वर्ष को कर निर्धारण का आधार माना जाएगा। उदाहरण के लिए, 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच की कमाई को कर वर्ष 2025-26 माना जाएगा। यह बदलाव करदाताओं को वित्तीय वर्ष और निर्धारण वर्ष के बीच के अंतर को समझने में सहायता करेगा।
वित्तीय वर्ष और आवासीय स्थिति
नए कानून में वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से ही रहेगी। आवासीय स्थिति (रेजिडेंसी) के नियमों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। करदाताओं को अभी भी तीन श्रेणियों – सामान्य निवासी, असामान्य निवासी और अनिवासी भारतीय के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाएगा।
नए कानून की संरचना
नया आयकर विधेयक 23 अध्याय, 536 धाराएं और 16 अनुसूचियों से युक्त है। यह वर्तमान कानून की तुलना में अधिक विस्तृत है, जिसमें 298 धाराएं और 14 अनुसूचियां हैं। हालांकि इसका उद्देश्य जटिलता को कम करना है, न कि बढ़ाना।
टीडीएस और रिटर्न दाखिल करने के नियम
स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) से संबंधित सभी प्रावधानों को एक स्थान पर संकलित किया गया है। आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह व्यवस्था करदाताओं को नियमों का पालन करने में सहायता करेगी।
कटौतियों और मूल्यह्रास की गणना
नए कानून में वेतन से होने वाली कटौतियों, जैसे बोनस, छुट्टियों का नकदीकरण और विभिन्न भत्तों को एक स्थान पर समेकित किया गया है। कंपनियों के लिए मूल्यह्रास की गणना को भी सरल बनाया गया है।
कार्यान्वयन की समय सारिणी
नया आयकर कानून वित्तीय वर्ष 2026-27 से प्रभावी होगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 तक पुराने नियम लागू रहेंगे। यह परिवर्तन क्रमिक रूप से किया जाएगा ताकि करदाताओं और कर प्रशासन को नई व्यवस्था को अपनाने का पर्याप्त समय मिल सके।
नया आयकर कानून कर प्रणाली को आधुनिक और सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परिवर्तन करदाताओं के लिए कर अनुपालन को सरल बनाने और कर प्रशासन को अधिक कुशल बनाने में सहायक होगा।
यह लेख सरकारी घोषणाओं और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। कर संबंधी निर्णय लेने से पहले कृपया पंजीकृत कर सलाहकार से परामर्श करें। लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे कानूनी या वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए। नियमों में किसी भी बदलाव के लिए आधिकारिक अधिसूचनाओं का संदर्भ लें।