RBI Currency Update: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्षतिग्रस्त और कटे-फटे नोटों के बदलाव को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य आम नागरिकों को वित्तीय लेनदेन में होने वाली परेशानियों से बचाना है। आइए जानें इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
बैंकों की जिम्मेदारी
आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे क्षतिग्रस्त नोटों को नए नोटों से बदलें। यह सेवा सभी बैंक शाखाओं में उपलब्ध है और इसके लिए बैंक खाता होना अनिवार्य नहीं है। प्रत्येक बैंक को यह सुविधा प्रदान करनी होगी और वे इससे मना नहीं कर सकते।
क्षतिग्रस्त नोटों की परिभाषा
साउथ इंडियन बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, कोई नोट क्षतिग्रस्त माना जाता है जब वह दो या अधिक टुकड़ों में बंटा हो या उसकी भौतिक स्थिति खराब हो। इस श्रेणी में फटे, जले, या किसी अन्य कारण से क्षतिग्रस्त नोट आते हैं।
मूल्य निर्धारण के मानदंड
नोटों का मूल्य उनकी क्षति के आधार पर निर्धारित किया जाता है। यदि नोट का 50% से कम भाग क्षतिग्रस्त है, तो उसका पूरा मूल्य मिल सकता है। 50% से अधिक क्षतिग्रस्त नोटों के लिए आधा या कोई मूल्य नहीं मिल सकता है, यह क्षति की मात्रा पर निर्भर करता है।
विशेष नियम
500 रुपये के नोट के लिए विशेष मापदंड निर्धारित किए गए हैं। मूल नोट का क्षेत्रफल 99 वर्ग सेंटीमीटर होता है। यदि क्षतिग्रस्त नोट का क्षेत्रफल 80 वर्ग सेंटीमीटर से अधिक है, तो पूरा मूल्य मिलेगा। 40-80 वर्ग सेंटीमीटर के बीच होने पर आधा मूल्य मिलेगा।
प्रक्रिया की सरलता
डीबीएस बैंक इंडिया के प्रबंध निदेशक के अनुसार, यह प्रक्रिया बेहद सरल है। कोई भी व्यक्ति अपनी नजदीकी बैंक शाखा में जाकर क्षतिग्रस्त नोटों को बदल सकता है। इस सेवा के लिए किसी विशेष दिन या समय की प्रतीक्षा नहीं करनी होती।
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। नोट बदलने के नियम और प्रक्रियाएं समय-समय पर बदल सकती हैं। कृपया नवीनतम जानकारी के लिए अपने नजदीकी बैंक या आरबीआई कार्यालय से संपर्क करें। किसी भी विसंगति की स्थिति में आरबीआई के दिशा-निर्देश मान्य होंगे।