8th Pay Commission: केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आठवें वेतन आयोग की तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिससे राज्य के लगभग 12 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलने की संभावना है।
आयोग का गठन और उद्देश्य
योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र सरकार के अनुरूप आठवें वेतन आयोग का गठन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस आयोग का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन में वृद्धि से संबंधित प्रस्तावों को तैयार करना है।
कर्मचारी संगठनों से विचार-विमर्श
सरकार ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों से सुझाव मांगे हैं, जिन्हें 14 फरवरी तक प्रस्तुत करना है। इन सुझावों को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जो विभिन्न राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर नए वेतनमान के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगी।
वेतन वृद्धि का प्रस्तावित प्रारूप
विभिन्न कर्मचारी संगठनों के अनुसार, आठवें वेतन आयोग के तहत 2.86 के फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वेतन वृद्धि की जा सकती है। इस प्रस्ताव के स्वीकृत होने पर न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो सकता है।
कार्यान्वयन की समय सीमा
केंद्र सरकार जनवरी 2026 से आठवें वेतन आयोग को लागू करने की योजना बना रही है। पिछले अनुभवों के आधार पर, केंद्र में लागू होने के छह महीने के भीतर राज्य सरकारें भी इसे अपना सकती हैं।
उत्तर प्रदेश में प्रभाव
उत्तर प्रदेश में इस वेतन आयोग के लागू होने से लगभग 12 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। योगी सरकार आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए तत्पर दिखाई दे रही है।
भविष्य की संभावनाएं
जैसा कि सातवें वेतन आयोग के समय हुआ था, इस बार भी केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलने के बाद राज्य कर्मचारियों को भी शीघ्र ही इसका फायदा मिल सकता है। यह कदम सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह लेख फरवरी 2025 की स्थिति के अनुसार तैयार किया गया है। वेतन आयोग से संबंधित नियम, प्रावधान और लाभ समय-समय पर परिवर्तित हो सकते हैं। कृपया नवीनतम जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट या संबंधित विभाग से संपर्क करें। सभी वेतन वृद्धि और लाभ सरकारी नियमों और विनियमों के अधीन हैं। अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों पर निर्भर करेगा।